बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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रचनाशिल्प:११ वर्ण, प्रति चरण, ४ चरण, दो-दो समतुकांत, नगण रगण रगण लघु गुरु १११ २१२ २१२ १ २
जगत शांति के गीत गाइए।
मनुज मानवी प्रीत पाइए।
मन विकार को दूर कीजिए।
यश विवेक से मीत जीतिए।
सरल जीवनी मित्र चाहिए।
विनत कीजिए मेल आइए।
प्रकृति ईश के छंद वंदना।
अवनि सृष्टि के गीत सर्जना।
नमन भूमि को नित्य कीजिए।
जड़ सजीव के सत्य लीजिए।
जगत हेतु हो शुद्ध भावना।
मनुज ‘विज्ञ’ ये छंद कामना।
परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा है। आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) है। सिकन्दरा में ही आपका आशियाना है।राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन (राजकीय सेवा) का है। सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैं। लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैं। शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया है।आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः है।