राधा गोयल
नई दिल्ली
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पाँच सौ वर्षों की प्रतीक्षा, खत्म हो रही है
राम पधार रहे हैं, अयोध्या आज सज रही है।
सब कुछ भूल के मन ये मेरा, आज कर रहा नर्तन,
हर कोई आनंदित होकर, राम का करता कीर्तन।
घर-घर वंदनवार सज रहे, झूम के नाचो-गाओ,
आज अयोध्या राम आ रहे, दीपावली मनाओ।
राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, मनवा बाट निहारे,
अनगिन दीप जलाऊँगी मैं, घर- आँगन-चौबारे।
राम तुम्हारे आ जाने से, राम राज्य आ जाए,
इस मन के सूने आँगन में, फिर बहार आ जाए।
राम अयोध्या आयेंगे जब, रुच-रुच भोग लगाऊँगी,
ढ़ेरों दीप जलाकर, अपना अंगना प्रभु सजाऊँगी।
राम आगमन की खुशियों में दीपावली मनायेंगे,
कड़ी प्रतीक्षा खत्म हुई ,मेरे राम अयोध्या आयेंगे॥