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लब्धप्रतिष्ठित विभूतियों ने किया अनेक हस्तियों को सम्मानित

सम्मान…

मुम्बई (महाराष्ट्र)।

अखिल भारतीय अनुबन्ध फाउंडेशन (मुम्बई) एवं केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (मुम्बई) के संयुक्त तत्वावधान में माटुंगा में बेहतरीन सम्मान समारोह किया गया। कीर्ति शेष महाकवि डॉ. कुॅंअर बेचैन की पुण्य स्मृति तथा श्रीमती शकुंतला शर्मा एवं रविदत्त शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि स्वरूप इस विशिष्ट समारोह एवं विशेष काव्य संध्या में लब्ध प्रतिष्ठित विभूतियों ने अनेक हस्तियों को सम्मानित किया।
यह आयोजन फाउंडेशन द्वारा १५ अक्तूबर को अनुसंधान संस्थान के सभागार में भव्य साहित्यिक वातावरण में किया गया, जिसमें लब्धप्रतिष्ठित कवियों, गीतकारों और ग़ज़लकारों ने स्नेहिल उपस्थिति व बेहतरीन रचनाओं से श्रोताओं को तालियाँ बजाने पर विवश कर दिया। शुभारंभ सुश्री अल्का ‘शरर’ के सहज और प्रभावी मंच संचालन में माँ सरस्वती को माल्यार्पण और सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. रौशनी ‘किरण’ द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। मंच पर साहित्य एवं संगीत की दुनिया की लब्धप्रतिष्ठित विभूतियाँ शोभायमान रहीं। सुविख्यात वीणा वादक एवं संगीतज्ञ सुवीर मिश्रा मुख्य अतिथि, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे विशिष्ट अतिथि, साहित्यकार मंजू लोढ़ा विशिष्ट अतिथि और डॉ. सुजाता सक्सेना (निदेशक एवं प्रमुख-सिरकॉट) ने विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को गरिमा दी। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह, शॉल एवं पुष्पमाला भेंट करके सम्मानित किया गया।
फाउंडेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुश ‘तनहा’ ने संस्था के विविध साहित्यिक कार्यों का उल्लेख किया। डॉ. ‘तनहा’ ने डॉ. बेचैन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को साझा करके वातावरण को भावुक कर दिया।
मंचासीन विभूतियों ने आशीर्वचन स्वरूप फाउंडेशन के इस साहित्य अनुष्ठान पर विचार रखे और नवांकुरों को रोचक संस्मरण एवं प्रेरणादायक बातें बताईं। पहले सत्र में साहित्य सेवा में बहुमूल्य योगदान देने वाले देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों को फाउंडेशन द्वारा प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
संस्था की ओर से साहित्य, संगीत और पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देने हेतु अनुबन्ध समाज रत्न सम्मान से मंजू लोढ़ा, डॉ. कुॅंअर बेचैन साहित्य रत्न सम्मान से सागर त्रिपाठी-हस्तीमल हस्ती एवं डॉ. कुॅंअर बेचैन साहित्य विभूषण सम्मान से हृदयेश मयंक सहित अनुबन्ध पत्रकार विभूषण सम्मान, अनुबन्ध संगीत शिरोमणि सम्मान, अनुबन्ध विशेष निर्णायक सम्मान, अनुबन्ध साहित्य भूषण सम्मान व अनुबन्ध साहित्य गौरव सम्मान से भी कई रचनाकारों को अलंकृत किया गया।
दूसरे सत्र में काव्य संध्या हुई। इसमें सुप्रसिद्ध कवियों ओमप्रकाश नौटियाल, ज़ाकिर हुसैन, जवाहर लाल निर्झर, डॉ. मुकेश गौतम, अनामिका शर्मा, सुश्री रीमा सिंह और डॉ. ‘तनहा’ आदि ने भी एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की।
प्रबुद्ध श्रोताओं में विशेषकर डॉ. महेंद्र प्रताप, अंजनी द्विवेदी, शिवदत्त अक्स एवं श्रीमती महिमा कुश आदि ने काव्य संध्या का भरपूर आनंद लिया और करतल ध्वनि से हौंसला बढ़ाया।
समापन में डॉ. कुश ने सफल संचालन के लिए सुश्री ‘शरर’, डॉ. वर्षा महेश, डॉ. वर्षा सिंह और डॉ. ‘किरण’ के प्रति आभार प्रकट किया। ख़ूबसूरत सभागार उपलब्ध कराने हेतु डॉ. सक्सेना, सुश्री तृप्ति मोकल और दल के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

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