अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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हमें बहुत-कुछ सिखाता है आता-जाता वक़्त,
अक्सर बचपने को भी काबिल बनाता है वक्त़।
रूलाता है तो, हँसाता भी है वक्त़,
हार से जीत भी तो दिलाता है यही वक्त़।
गर समझ ली समय-दुनिया की चाल-वक्त़,
फिर तो सफलता से मिलेगा पक्का सुनहरा वक़्त।
कभी न भुलाना बीता हुआ कोई भी वक्त़,
ना करो अभिमान, वरना मिट्टी में मिला देगा वक्त़।
सीखना होगा चलना साथ हमें वक़्त,
छोड़ो कल की चिंता, बढ़ो साथ वक्त़।
उठो, चलो, करो मेहनत संग इस वक्त़,
खुशी का नया आसमां-शिखर लाएगा वक्त़॥