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व्यंग्य के प्रति यह समर्पण बेहद सराहनीय

सम्मान…

दिल्ली।

व्यंग्य के प्रति यह जो समर्पण है, वह बेहद सराहनीय और अनुकरणीय है। रवींद्रनाथ त्यागी के बहाने व्यंग्य पर सार्थक चर्चा हुई है।
यह बात व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति शीर्ष सम्मान से सुरेश कांत और अरविंद तिवारी को सम्मानित करने के अवसर पर मुख्य अतिथि यशवंत व्यास ने कही। व्यंग्य त्रयी के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर श्री त्यागी की स्मृति में व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान वितरण समारोह हिंदी भवन भवन में किया गया।
व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति सोपान सम्मान युवा व्यंग्यकार अनूप मणि त्रिपाठी एवं व्यंग्य यात्रा शारदा त्यागी स्मृति सम्मान प्रखर व्यंग्य नारी स्वर और नाट्यकर्मी विभा रानी को दिया गया। सभी सम्मानितों का सम्मान राशि, अंगवस्त्र, शाल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति-पत्र देकर किया गया।
कार्यक्रम अध्यक्ष बलराम ने कवि के रूप में कविता जगत में रवींद्रनाथ त्यागी की सार्थक उपस्थिति एवं व्यंग्य जगत में व्यंग्य त्रयी में शुमार होने तथा व्यंग्य को विधा के रूप में स्थापित करने में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए सम्मानित साहित्यकारों को बधाई दी। आरंभिक वक्तव्य में प्रेम जनमेजय ने कहा कि, रवींद्रनाथ त्यागी, हरिशंकर परसाई और शरद जोशी हमारे अग्रज हैं। हमें उनसे लेखन का जो अनुभव प्राप्त हुआ, हमें उन्हें फिर से रोपना होगा। उन्होंने बताया कि, व्यंग्य विमर्श को रेखांकित करने के लिए व्यंग्य यात्रा, व्यंग्य चिंतक सम्मान आरंभ किया गया है। इस सम्मान के लिए गौतम सान्याल का चयन
किया गया है। जल्द ही उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में यशवंत व्यास की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘मोहब्बत की दुकान’ का लोकार्पण किया गया। श्री कांत, श्री तिवारी, विभा रानी और श्री त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में चयन समिति के प्रति आभार प्रकट किया। स्वागत भाषण अशोक त्यागी ने दिया।
कार्यक्रम में हरि जोशी, गीता श्री, इरफान, सोमदत्त शर्मा, संतोष त्रिवेदी, एम.एम. चंद्रा, मुकुल उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का कुशल संचालन रणविजय राव ने किया। यात्रा की प्रबंधक आशा कुंद्रा ने सबका धन्यवाद दिया।