प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’
सहारनपुर (उप्र)
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सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए,
कोई तो हो, जिस पर शाश्वत अधिकार चाहिए।
हर दिल की बस मांग यही है अनंत सुखसागर डूबूं,
कोई प्रीतम प्यारा ऐसा, जिससे कभी नहीं उबूं।
बिछुड़न-तड़पन-भय का ना संसार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
कुत्ते को पुचकारोगे तो वो फिर पूँछ हिलाता है,
प्रेम का कोई ग्रंथ पढ़ा ना, फिर भी वफ़ा निभाता है।
हर जीवन को प्यार भरा उपहार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
प्यार के इतने रूप बने जो जग में पग-पग फैले हैं,
जिसमें जिसका मन रम जाए, उससे ही मन बहले है।
प्रेमी संग नित तन-मन को त्यौहार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
प्रेम-प्रतीक प्रभु से सारे जग जीवों का उदय हुआ,
प्रभु-सा प्रेमी नहीं जगत में कभी किसी का कोई हुआ।
उनको श्रद्धा संग आश्रय स्वीकार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
जब तक प्रभु-प्रेम का परिचय प्राप्त ना होवे मानव को,
झूठे सांसारिक सुख ढूंढे, देव छोड़ चुने दानव को।
हरि का प्रेम छोड़ कर क्यों जग प्यार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
जहाँ भरा है स्वार्थ निरंतर, उनसे प्रेम कहाँ पाओ,
पति, पुत्र और जग के रिश्ते नित-नित क्यों गढ़ते जाओ।
दु:खालय में तुमको सुख का सार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
प्रभु के जैसा प्रेम पगा कोई नहीं कोई भूलोक में,
वस्तु-व्यक्ति में सुख ढूँढें जीवन डूबा शोक में।
प्रभु के प्रेम में डूबो तो ना पार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
सच्चे प्रेम की आस में प्राणी जीवन मरुथल चलते हैं,
तन-मन ताप रोज बढ़ जाए, दु:ख अगन में जलते हैं।
सबको सुंदर-सुंदरी संग मनुहार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
प्रभु का प्रेम यदि पा जाओ, मिथ्या जनम की प्यास मिटे
आस किसी की बाकी बचे ना, कदम-कदम उपहास मिटे।
कह दो प्रभु से स्वामी साथ हर बार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
जाकर देखो कभी वृंदावन, काशी पावन धाम को,
काहे प्रेमी रट-रम जाए प्रभु-प्रीतम के नाम को।
अविनाशी प्रीतम सुख बारम्बार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
एक समय के बाद ना खुद के वेग संभाले जाते हैं,
प्यार की ऐसी-तैसी हर पल दोष निकाले जाते हैं।
हर क्षण रोने को मानव अवतार चाहिए,
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥
क्यों फिर प्रभु को छोड़ जगत का प्यार चाहिए,
क्यों फिर प्रभु को छोड़ जगत का प्यार चाहिए।
सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए,
कोई तो हो, जिस पर शाश्वत अधिकार चाहिए…॥