प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’
सहारनपुर (उप्र)
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शिव भक्ति में होके मतवाला,
पी कष्टों का प्याला, संभाले ऊपर वाला।
डमरू की डम-डम मृदंगों की थाप पर,
नाचे शंकर मेरा भोला-भाला।
पी…
नागों की माला संग सजे रूंड-मुंड हैं,
रूप अद्भुत लगे है विकराला।
पी…
भक्त रहें महलों में प्रभु श्मशान में,
अंग-भस्म ओढ़े हैं मृग-छाला।
पी…
संत वरदान पायें लोग अभय दान को,
शंभू पियो मेरी शिरधा का प्याला।
पी…
जीवन के रहते अपने कर्म को सुधार ले,
मत जला शिव के क्रोध की ज्वाला।
पी…
एक पल को खुद को उनकी जगह रख के देख ले,
बन ना पाएगा दुनिया का रखवाला।
पी…
दुनिया के सारे एहसास दबे स्वारथ में,
मत उलझ ये है माया का जाला।
पी…
देवों के देव महादेव भक्त-दास हैं,
शिव का अपना हर ढंग है निराला।
पी…
हम शिव की सृष्टि हैं शिव में सिमट जाएंगे,
जप नित शिव-नाम की माला।
पी…
शिव भक्ति में होकर मतवाला,
पी कष्टों का प्याला, संभाले ऊपर वाला॥