कुल पृष्ठ दर्शन : 364

You are currently viewing शुभ हो तमसो मा ज्योतिर्मय

शुभ हो तमसो मा ज्योतिर्मय

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
*******************************************

रोशनी से जिंदगी….

करे धरा आलोकित रोशनी,
जग की सुंदरता करे विस्मित
मनु रोशनी से है जीवन सदा,
अनेक रूपों मे रहती रोशनी।

तमसो मा ज्योतिर्मय दिवाली,
पंचतत्व निर्मित दीप रोशनी
ब्रह्मांड विद्युत सूर्य की किरणें,
ज्वाला प्रकार धरा की रोशनी।

है लौकिक-अलौकिक रोशनी,
हे राम आपके जीत की रोशनी
जन उमंग पुलकित हृदय राग,
चहुँओर तम हटाती ये रोशनी।

सत भाव कर्म राह देती रोशनी,
तप में त्याग में स्नेह में रोशनी
डूबती स्वाँसों का संबल प्रयास,
डूबे मनोबल मृदुल संवाद रोशनी।

बुजुर्गों की आँखों की हँसी रोशनी,
उनके स्नेह रसी आशीष रोशनी
सृष्टि के कण-कण चाहिए प्रकाश,
मन की है प्यास जरा सी रोशनी।

अंतरमन में जगे जी ज्ञान रोशनी,
पंच इंद्रियाँ ईश दान है रोशनी
कंटक राहों पे ये साहस संबल,
अभियान का पथप्रदर्शक रोशनी।

परम ध्यान औ भक्ति है रोशनी,
शिक्षा का हर कदम है रोशनी
महिमा है ये जी अनुपम शक्ति,
स्नेह प्रेम भरीअनुरक्ति है रोशनी।

मानव उपहार है बनी रोशनी,
बिजली आविष्कार है रोशनी
हर जीवन के कार्य है इससे,
जगमग लड़ियों से सजी रोशनी।

जीवन की आवश्यकता रोशनी,
सुविधाएं सब दिखाती रोशनी
कृतिम लौकिक या अलौकिक,
मनु जीवन यात्रा में रहे रोशनी।

गढे़ दीप कुम्हार देने को रोशनी,
सजते दमकते घर-द्वार रोशनी
कोमल आशाएं आह्वान स्वागत,
हे श्री गणेश लक्ष्मी करूँ रोशनी।

झिलमिल दीपों संग उमंग रोशनी,
साक्षी जीवन सुख अनंत रोशनी
प्रगति जीवन पथ में रहे सदा,
हृदय अभिसार रहे जीवंत रोशनी।

देता जीवन सुख हुलास रोशनी,
तमस मन का हटे आस रोशनी।
जगमग दीपों सजे देहरी घर देश,
शुभ ज्योतिर्मय दिवाली की रोशनी॥

परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है