इंदौर (मप्र)।
सहित्यक लेखन में लिखने वाला हर व्यक्ति कलमकार है। सामाजिक बुराईयों के प्रति नकारात्मक शक्ति को खत्म करने वाले पत्र लेखकों की ताकत देखकर बहुत प्रभावित हूँ। लेखन का एक बड़ा हिस्सा व शुरूआती लेखन की पाठशाला इससे ही पहचानी जाती है।
यह बात मुख्य अतिथि हिंदी की लेखिका पद्मा सिंह ने अपने उद्बोधन में कही। अवसर रहा मध्यप्रदेश पत्र लेखक मंच के तत्वावधान में इन्दौर के पत्र लेखकों के दीपावली मिलन समारोह की सहित्यिक संगम की त्रिवेणी का। इस अवसर पर लेखक डॉ. मनीष दवे की लघुकथा ‘दृष्टिकोण’ का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल व डॉ. पद्मा सिंह, सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट देवेन्द्र शर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता समाजसेवी प्रवीण चौधरी बागली के आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर डॉ. शुक्ल ने कहा कि कार्टूनिस्ट व लघुकथाकार की असली ताकत सच्चाई है। जो समाज की विसंगतियों पर पैनी नजर रखे, वहीं सच्चा पत्र लेखक है। इस विधा में सामाजिक उत्थान से नई दिशा लेखकों को मिली है, यह बहुत बड़ी बात है।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण चौधरी ने कहा कि जिस मंच ने राष्ट्रवाद सामाजिक जन चेतना को जागृत कर के लेखनी को धार दी, वह हमेशा चलता रहेगा। छोटे-से-छोटे से गांव के साधारण से व्यक्तियों को अलग पहचान दिलाने में ‘पत्र सम्पादक के नाम’ कालम ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। छोटी सी लेखनी से लिखने वाले लोगों को पहचान दिलाई है। कार्यक्रम में पत्र लेखक डॉ. जिनेन्द्र जैन का स्वागत भी मंच की और से किया गया। स्वागत मंच के दिलीप नीमा व हरिहर सिंह चौहान ने किया।
संचालन प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश तिवारी उपवन ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. दवे व आशिक भाई ने व्यक्त किया।
