अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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आदिशक्ति माँ दुर्गा (नवरात्रि विशेष)…
‘शैलपुत्री’,
धरा ध्वनि
वाणी हिमालय की,
शक्ति अपार,
निवारण।
‘शैलपुत्री’,
वरदान दो
शान पर्वतों की,
छवि सादगी
पराक्रमी।
‘शैलपुत्री’,
कष्ट हरो
त्रिशूल उठाए चलती,
नंदी संगवारी
प्यारी।
‘शैलपुत्री’,
प्रकृति आधार
तुमसे ही संसार,
तुम करुणामयी
सृष्टि।
‘शैलपुत्री’,
करते विनती
रखो कृपा तुम्हारी।
जो पुकारे,
आशीर्वाद॥