धर्मेंद्र शर्मा उपाध्याय
सिरमौर (हिमाचल प्रदेश)
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श्राद्ध, श्रद्धा और प्रेम (पितृ पक्ष विशेष)…
हिंदुओं की श्रद्धा का पर्व,
आस्था और प्रेम का गर्व
समझे पूर्वजों का जो मर्म,
श्राद्ध पर्व है ऐसा कर्म।
जय–जय ऐसे श्राद्ध पर्व की,
जो मरने पर भी रखते याद
अन्न–धन देकर खुश करते जो,
धन्य है ऐसे वंशज महान।
श्रद्धा यदि अटूट पक्की हो,
तो पत्थर में भी दिखे भगवान
प्रेम के साथ जो करते श्राद्ध,
पितृ खुश रहते उनके जहान।
जो करते मातृ–पितृ सेवा,
नहीं बिगड़ते उनके काम।
बाद श्राद्ध को मन से जो करते,
रहे सदा सुखी और बने महान॥