जबलपुर (मप्र)।
‘सावन फिर से आ गया, पड़ने लगी फुहार, पपीहा कोयल कूके अब हर रोज है त्यौहार’ की धुन के साथ डॉ. राम पंचभाई के निर्देशन, दीपा शर्मा ‘उजाला’ के संचालन व बृज व्यास की अध्यक्षता में गीता उनियाल की सरस्वती वंदना व दीपा शर्मा की गणेश स्तुति से ऊर्जा ग्रहण कर मंथन साहित्यिक परिवार पटल को समर्पित काव्य प्रस्तुति हुई। मनहर अभिव्यक्ति से मंथन पटल में खूब रंग जमा।
उद्घाटन पर्व पर बृज व्यास ने सस्वर प्रस्तुति दी। दीपा शर्मा के आह्वान पर साहित्यकारों ने बारी- बारी से प्रस्तुति दी। मीरा राम निवास ने ‘बरसात का मौसम’ पंक्तियों के साथ मौसम को चित्रित किया। डॉ. शिव दत्त शर्मा ने श्रंगार गीत ‘अमृत की बूँदें’ सुनाया तो हास्य व्यंगकार इंजीनियर एन.सी. खण्डेलवाल ने बरखा के विहंगम दृश्य का मनोरम वर्णन प्रस्तुत किया। डॉ. कृष्णा जोशी, डॉ. पंचभाई और बच्चू लाल दीक्षित आदि ने भी श्रावण मास की उत्कृष्ट पंक्तियाँ प्रस्तुत की।