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श्री हरि भाग्य विधाता

सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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है अति पावन गोचर कार्तिक, पूजन श्री हरि भाग्य विधाता
है मनभावन श्री हरि कार्तिक, जागृत हो अरु दीर्घ विधाता,
व्योम निर्मल, उत्सव उल्लास, माधव साजन मास लुभाए
मानुष, ध्यान लगा करुणा सिन्धु, पावन हो मनवा हरि भाए।

धूम मची पर्व मंगल छा सब, श्री कमला मधुसूदन आए
हो अभिनंदन राम सिया जग, दीप जलाकर‌ रीत मनाएं,
माँ तुलसी सह श्याम विवाहित, खूब खुशी मिल गायन गाएं
आँगन फूल सजाकर श्री स्तुति, राम कथा शुभ-लाभ कमाएं।।

पावन धार नहाकर जीवन, श्रेष्ठ बनाकर दीप बहाएं
चीर, अनाज शुभता ‌उपहार, दे अमोल मृदुभाव, लुभाएं,
भाव निष्काम कल्याण प्रदायक, पात्र विशेष विभूति सहाए
दीनदयाल निधान भावांबुद्धि, कार्तिक मास विशेष मनाएं।

मास महात्म्य कहे हरि पूजक, हो पुष्ट देह निर्व्याधि हमेशा,
वैभव संपन्नता सुख संतति, लोक कल्याण प्रदान हमेशा।
राग-विराग घृणा कर ओझल, भाव प्रधान सद्भाव हमेशा,
हो परमार्थ गुज़ारिश हे कृष्ण, थाम ‘सरोज’ निहाल हमेशा॥

परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।