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‘श्वेत योद्धा’ में सब कुछ श्वेत, श्याम की कोई जगह नहीं

लोकार्पण-पुस्तक चर्चा…

इंदौर (मप्र)।

ज्योति जैन के रेखाचित्र त्रिआयामी हैं, मन पर अंकित हो जाते हैं। उनका उपन्यास ‘श्वेत योद्धा’ सकारात्मकता के साथ चिकित्सा सेवियों की मनोव्यथा को उकेरने में सक्षम है।
साहित्यकार ज्योति जैन की पुस्तकों के विमोचन के अवसर पर शामिल अतिथि चर्चाकार साहित्यकार पंकज सुबीर ने यह बात कही। आपकी २ पुस्तकों का विमोचन रविवार को जाल सभागार में हुआ। स्वागत उद्बोधन वामा साहित्य मंच की अध्यक्ष इंदु पाराशर ने दिया।
जानी-मानी कथाकार गीताश्री ने इस अवसर पर कहा कि, रेखाचित्र मास की विधा है, आम इंसान की विधा है, क्योंकि आम मनुष्य के जीवन के विविध आयाम है।विभिन्न इंद्रधनुषी चरित्र इस रेखाचित्र संग्रह को समृद्ध करते हैं।

अतिथियों का स्वागत अमर वीर ने किया। संचालन स्मृति आदित्य ने किया। आभार स्वर्णिम माहेश्वरी ने माना।