बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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सुन्दर छंद विधान, रचनाशिल्प-८ वर्ण, प्रति चरण ४ चरण, २-२ समतुकांत हो, मगण भगण गुरु लघु २२२ २११ २ १/..
दौसा के सुन्दर दास।
दादू के भक्त सुभास।
माने साहित्य प्रवीर।
ज्ञानी आदित्य सुधीर।
दौसा के वैष्य कुलीन।
दादू के शिष्य प्रवीन।
काशी में भी कर वास।
सीखे साहित्य सुवास।
दादू पंथी जग मान।
ज्ञानी थे भानु समान।
देखे लेखे मन भाव।
दादू से सत्य लगाव।
परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा है। आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) है। सिकन्दरा में ही आपका आशियाना है।राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन (राजकीय सेवा) का है। सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैं। लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैं। शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया है।आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः है।