दीप्ति खरे
मंडला (मध्यप्रदेश)
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दशहरा विशेष…
असत्य पे सत्य की जीत हुई,
नव चेतना की प्रीत हुई
रावण का अभिमान जला,
मर्यादा का सम्मान खिला।
राम का धैर्य, सीता की शुचिता,
लक्ष्मण की निष्ठा, हनुमत की भक्ति
हर युग देता संदेश यही,
सत्य रहे सदा विजयी।
दशहरे की यह पावन घड़ी,
हर मन में दीप जलाए
द्वेष तिमिर हो दूर सभी,
प्रेम-सुगंध फैलाए।
आओ मिलकर प्रण ये करें,
सत्य-अहिंसा अपनाएँ।
मर्यादा पुरुषोत्तम की राह,
जीवन पथ में अपनाएँ॥