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सबका दिल गुलजार हुआ

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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देखो फिर से होली आई,
घर-घर में खुशहाली छाई
रंग-बिरंगी चली पिचकारी,
नौनिहालों में खुशियाँ लाईं।

मौसम ने भी ली अंगड़ाई,
शीत ऋतु की होगी विदाई
खाली हो गए खेत-खलिहान,
ग्रीष्म ऋतु की बारी आई।

सबका दिल गुलजार हुआ,
एक-दूसरे से प्यार हुआ है
जन-जन को मिल रही बधाई,
सबकी खुशियाँ लौट के आई।

कोई किसी का दुश्मन नहीं,,
आपस में सब भाई-भाई
ईर्ष्या-द्वेष को दूर भगा कर,
प्रेम की जड़ों में की सिंचाई।

सबने बुराई की होली जलाई,
और मिलकर कसम ये खाई।
नहीं रखेंगे बैर-भाव अब हम,
नहीं करेंगे किसी की बुराई॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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