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सबको लुभाया सबरंग काव्य गोष्ठी ने

पंचकुला (हरियाणा) |

आर्ट एंड लिटरेरी जोन की मासिक काव्य गोष्ठी बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ आयोजित की गई। यह माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई, जिसे एन. के. शर्मा ने प्रस्तुत किया।
आयोजन में उपस्थित गुणीजनों का स्वागत सुनील मिनीचा ने किया। एन. के. सिहाग ने बुजुर्गों की अहमियत पर अपने विचार व्यक्त किए। नीरू मित्तल ने ‘दीप देखो जल रहा है, कविता प्रस्तुत की, जबकि बी. एम. अग्रवाल ने ‘जिंदगी और जिंदादिली’ कविता से सभी का मन मोह लिया। एच.नी. गेरा ने विभित्र शायरों के अंदाज में मुशायरा प्रस्तुत किया, तो एन.के. शर्मा ने राग भैरव पर आधारित गीत प्रस्तुत किया और आर. सी. शर्मा ने रसखान के पद की अर्थपूर्ण प्रस्तुति दी। दीपा भल्ला, अचला डिंगले, किरण आहूजा, ऊषा गर्ग और हरि ओम शर्मा ने गीतों और कविताओं से सभी का मन मोह लिया। अध्यक्ष रविंद्र शर्मा की गुदगुदाती शायरी ने सबके चेहरों पर मुस्कान बिखेरी। सुनीत मिनोचा की लघुकथा ‘जब चाय नहीं मिली’ को सभी ने खूब सराहा। इस अवसर पर सदस्य रेणु अब्बी ‘रेणू’ की पुस्तक ‘रेणु वाणी’ एवं उषा गर्ग को पुस्तक ‘चिड़िया की आँख’ का विमोचन रहिंद्र शर्मा (अध्यक्ष काउंसिल), लिटरेरी अध्यक्ष नीरू मित्तल ने किया और शुभकामनाएं दी।

संचालन ब्रजमोहन अग्रवाल ने संभाला। नीरू मित्तल ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया।