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सावन मास सुहावन शिव को

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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सावन मास सुहावन शिव को,
रिमझिम-रिमझिम बरसे नीर।

जटा बीच में गंग विराजे,
अर्धचन्द्र मस्तक पर शोभित
नीलकंठ गले सर्प लपेटे,
करता सबको रूप विमोहित।
सावन मास…

बाम भाग नारीश्वर राजे,
शिव और शक्ति मेल कराए
वृष्टि-सृष्टि सबके प्रभु दाता,
देवों में महादेव कहाए।
सावन मास…

हाथ त्रिशूल वृषभ पर बैठे,
तीन लोक की सैर कराते
पूजन शंभू सावन मास में,
भक्ति-मुक्ति का मार्ग दिखाते।
सावन मास…

नमः शिवाय मंत्र है प्यारा,
नित्य करो तुम जाप मन लाय।
शंकर मेरे भोले भाले,
पूरण करते आस मुस्काय।
सावन मास…॥