कुल पृष्ठ दर्शन : 74

You are currently viewing सुंदर रचनाओं की प्रस्तुति से मनाया प्रथम वार्षिकोत्सव

सुंदर रचनाओं की प्रस्तुति से मनाया प्रथम वार्षिकोत्सव

उज्जैन (मप्र)।

‘साहित्य के उपासक’ मंच का प्रथम वार्षिकोत्सव आभासी माध्यम से आयोजित किया गया। शुभारम्भ अध्यक्ष प्रशांत माहेश्वरी ने सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ रचित सरस्वती वंदना ‘वर दे वीणा वादिनी’ के गायन से किया।
इंदौर से कार्यक्रम की सूत्रधार
शीला बड़ोदिया ‘शीलू’ ने बताया कि, उड़ीसा की प्रियंका भूतड़ा ने गीत ‘मतलब के रिश्ते’ की प्रस्तुति से सभी को आनन्दित किया तो भावना मिश्रा ‘मन’ (लखनऊ) द्वारा प्रस्तुत हिंदी साहित्य के आदिकाल और उससे सम्बन्धित रचनाकारों से जुड़ी जानकारी भी आकर्षण का केंद्र रही। गीता पाण्डेय ‘अपराजिता’ (रायबरेली) ने गीत ‘तूफ़ान मचा देंगे’ और मुक्तक ‘हम मना रहे स्थापना दिवस बड़ा ही अनमोल’ से वर्षगाँठ पर शुभकामनाएं प्रेषित की।
इसी तरह सुनीता राजीव (दिल्ली) ने भी हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल की अनूठी प्रस्तुति देकर ज्ञानवर्धन किया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् (लखनऊ) के अध्यक्ष निर्भय गुप्त ने ‘जयतु भारतम’ एवं ‘जीवन को मधुमय कर लें’ रचनाओं से सभी को देशप्रेम से ओत-प्रोत कर दिया। श्रीमती अर्चना द्विवेदी, रचना श्रीवास्तव (जबलपुर), अमिता मिश्रा (गोंदिया) और अंशु शुक्ला (रुद्रपुर) आदि की प्रस्तुति भी महत्वपूर्ण रही। शीला बड़ोदिया ‘शीलू’ के चंदवरदाई पर दोहे और श्री माहेश्वरी द्वारा विद्यापति के छंद का वाचन और व्याख्या भी प्रभावी रहे। ‘शीलू’ के आभार ज्ञापन के साथ वार्षिकोत्स्व सह आनंद सम्पन्न हुआ।