हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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दूर तक फैला हुआ यह पेड़,
अपनी छाँव में सभी को समाहित कर रहा है
यह बड़ी-बड़ी झाड़ियों व टहनियों ले लदा हुआ पेड़,
अपनी छाया से हम सभी को सुकून दे रहा है।
इसी की तलाश में शहर-दर-शहर,
घुमक्कड़ घूम रहे हैं पर यह नहीं मिलता
जीवन के इस पल-दो-पल में हमें,
अभी भी सुकून की तलाश है, जो खत्म नहीं हो रही है।
इस नीले आसमान के तले,
गर्मी के इस मौसम में
सूरज के तेवरों से परेशान,
ठंडक व सुकून की तलाश में
चलो, उसी पेड़ के तले फुर्सत के यह पल बिताएँ।
यूँ ही कट जाए यह सफर पल-दो- पल का,
ठहरे हुए इस तरह के यह पल जो अनमोल हैं।
सुकून की तलाश में हम यहीं,
पेड़ के नीचे बैठकर पल-दो-पल बिताएँ॥