इंदौर (मप्र)।
मातृभाषा हिन्दी को और लोकप्रिय बनाने के अभियान में योगदान के लिए हिन्दीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धा कराई जा रही है। इसी निमित्त ‘मुफ्तखोरी और राष्ट्र का विकास’ विषय पर ९० वीं प्रतियोगिता के आयोजन में पद्य में प्रथम विजेता बनने का अवसर कमलेश वर्मा ‘कोमल’ को मिला है तो गद्य में डॉ. डॉ. मुकेश ‘असीमित’ प्रथम रहे हैं।
यह परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन व संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने सभी को बधाई दी है। श्रीमती जैन ने बताया कि, प्राप्त रचनाओं में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य में ‘जागो जन, जागो अब तो…’ रचना हेतु कमलेश वर्मा ‘कोमल’ (अलवर, राजस्थान) को पहला, ‘कर लो तौबा भैया जी’ रचना पर डॉ. मीरा सिंह ‘मीरा’ (बक्सर, बिहार) को दूसरा तथा ‘ओ ऊपर वाले’ के लिए संजय वर्मा ‘दृष्टि’ (मनावर, मप्र) को तीसरा विजेता घोषित किया है।
आपने बताया कि मंच संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं एवं सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५४ करोड़ ५० हजार दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और १० सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में गद्य वर्ग में पहला स्थान ‘
डॉ. असीमित के व्यंग्य आलेख ‘लत से बाहर आना होगा, वरना…’ को मिला है, जबकि ‘राष्ट्र के लिए मुफ्तखोरी घातक’ आलेख पर हरिहर सिंह (इंदौर, मप्र) ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।