डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
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हम भूल ना पाएंगे तुमको,
दिल के दर्द को बढ़ाओ ना
कोई उम्मीद यूँ जगाओ ना,
जी रहे है मुश्किलों में ऐसे
साजिशों के भँवर में फंसाओ ना।
कर्म करो खुदगर्जी के मंजूर नहीं,
इशारों के तीर यूँ चलाओ ना
हरगिज नहीं है गवारा झूठा दिया
सहारा,
कोई भी अनजान-सी उम्मीद जगाओ ना।
रोता हुआ चेहरा बहाना है,
अब ये बात जताओ ना
कुछ खास करो जिंदगी में,
ये जख्म अब दिखाओ ना।
है दिल बुझा-सा अहसासों के,
भँवर में उसे सुलझाओ ना।
रोते हुए कभी तो हँसाओ ना,
जिंदगी के हसीन सफर में साथ
हमेशा निभाओ ना॥