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हर्ष उत्सव है दीपोत्सव

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जगमग जीवन ज्योति (दीपावली विशेष)….

आओ जलाएँ इस दिवाली दीए हर्षोल्लास के,
कोई ना हो उदास मन में इसी आस के।

जगमग हो हर घर का आँगन,
सजे हर घर के बाग-उपवन।

लोभ, ईर्ष्या व भेदभाव छोड़कर,
स्वागत करें सबका हस्त जोड़कर।

रंग-बिरंगी रंगों की रंगोली,
प्रेम भरी मिष्ठान खाकर बोलें मीठी बोली।

द्वार के तोरण में हो फूलों की महक,
नन्हें बच्चों की सदा बनी रहे चहक।

स्वादिष्ट भोजन व सुगंधित पकवान बनें,
माँ लक्ष्मी अपनी कृपा से सबके भंडार भरें।

वैसे तो दिवाली के कारण बहुत हैं,
धर्म रक्षक की धर्म पर विजय की यह झलक है।

सद्भावना व उदार हृदय से होती है छवि प्यारी,
आओ सब मिलकर मनाएँ यह शुभ दिवाली॥