इंदौर (मप्र)।
भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर में ६ सितम्बर को हिंदी पखवाड़े के साथ ही हिंदी दिवस का आयोजन गरिमामय वातावरण में शुरू हुआ। उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
आयोजन का मुख्य आकर्षण ‘हिंदी पत्रकारिता चुनौतियाँ और अवसर’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा रही। इसमें भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव नीतीश्वर कुमार, टीवी टुडे से जुड़े साहित्य आजतक के संपादक जयप्रकाश पांडेय तथा दिल्ली विवि के लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष प्रो. वर्तिका नंदा सम्मिलित हुए। श्री पांडेय ने कहा कि आज हिंदी पत्रकारिता की सबसे बड़ी शक्ति सोशल मीडिया है, जिसने हर वर्ग को अपनी बात कहने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदी, अन्य भारतीय भाषाओं के सहयोग से अनुवाद और डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से अधिक व्यापक पाठक वर्ग तक पहुँच रही है।
श्री कुमार ने हिंदी की वैज्ञानिक नींव और सांस्कृतिक गहराई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी की वर्णमाला जीवन और संस्कृति से गहराई से जुड़ी है और संस्कृत का ज्ञान होने पर अन्य भाषाएँ कठिन नहीं लगतीं। उन्होंने साहित्य और सिनेमा के माध्यम से हिंदी की भूमिका को राष्ट्रीय पहचान गढ़ने वाला बताया। प्रो. नंदा ने कहा कि हिंदी की ताकत भारत के निवासियों में समायी हुई है। कभी अन्य विदेशी भाषाओं के सामने इसे गौण समझा गया, पर समय के साथ हिंदी ने स्वयं को सिद्ध किया और नए अवसर गढ़े। उन्होंने कहा कि सरलीकरण हमेशा ज़रूरी नहीं, समृद्धि अधिक महत्वपूर्ण है।
पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने हिंदी लेखन, वाद-विवाद और कविता-पाठ जैसे क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की।
चर्चा का संचालन संस्थान प्रो. राय ने किया।