अमृतसर (पंजाब)।
भारतीय प्रबंध संस्थान अमृतसर में हिंदी पखवाड़ा २०२५ का विधिवत शुभारंभ उत्साह के साथ किया गया। इसकी शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ भारत सरकार के शिक्षा मंत्री द्वारा ‘हिंदी दिवस’ पर प्रेषित संदेश के वाचन से हुई।
अपने संदेश में शिक्षा मंत्री ने हिंदी को भारतीय अस्मिता और जनसंपर्क की सशक्त भाषा बताते हुए इसके व्यापक प्रयोग की आवश्यकता पर बल दिया। इसके उपरांत ‘राजभाषा प्रयोग:विस्तार और स्वरूप’ विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के प्राध्यापक, अधिकारीगण, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
कार्यशाला का संचालन विद्वान वक्ता डॉ. सुकांत सुमन ने करते हुए हिंदी के राजभाषा स्वरूप, उसके इतिहास और वर्तमान प्रयोग पर विस्तार से चर्चा की, तथा संस्थानों एवं दैनंदिन जीवन में इसके प्रयोग को और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया। डॉ. सुमन ने यह भी रेखांकित किया कि हिंदी केवल संचार का साधन ही नहीं, बल्कि ज्ञान-विज्ञान तथा सांस्कृतिक चेतना को जोड़ने वाली भाषा है।
इस अवसर पर निदेशक का प्रेरणादायी संदेश प्रस्तुत किया गया। उन्होंने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि हिंदी का प्रयोग केवल हिंदी दिवस या पखवाड़े तक सीमित न रहे, बल्कि यह वर्ष भर संस्थान की कार्यशैली और संवाद का अंग बने।
आगामी दिनों में भी विविध गतिविधियों जैसे राजभाषा प्रशनोत्तरी, हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता और मुक्त मंच आदि का आयोजन किया जाएगा।