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हिंदी भारतीय जनमानस के संवाद की भाषा

हिन्दी पखवाड़ा…

वाराणसी (उप्र)।

हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय अस्मिता एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। सरकारी कार्यों में हिंदी का प्रयोग सरलता, पारदर्शिता एवं जनसंपर्क की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान है कि हिंदी को दैनिक जीवन में भी अपनाएँ।
कर्नल विनोद कुमार ने अध्यक्षीय संबोधन में वाराणसी में यह बात कही। अवसर था ‘बहस-ए-बनारस’ सभागार कक्ष (कार्यालय, पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र) में हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह का। यह ३० सितम्बर को बड़े ही गरिमामय वातावरण में हुआ। पखवाड़े के दौरान आमंत्रित वक्ता प्रो. गजेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने हिंदी भाषा की विशेषताओं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। दिल्ली विवि के मोती लाल नेहरु कॉलेज में प्राचार्य के पद पर ४० वर्ष तक कार्यरत रहे प्रो. त्रिवेदी ने कहा कि हिंदी आज विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही है और हमें गर्व है कि यह हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है।
पखवाड़े के अंतर्गत कार्यालय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिंदी टंकण, हिंदी टिप्पणी लेखन आदि में कर्मचारियों ने अत्यंत उत्साह के साथ भाग लिया। कर्नल कुमार ने समापन अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम में सहायक निदेशक परमानंद कुमार, सहायक अधीक्षक सुश्री पल्लवी मिश्रा तथा निरीक्षक संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।