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हिंदी से प्रीत निभानी है़

जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
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प्राचीन सभ्यता की रथ है हिंदी से प्रीत निभानी है।
पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है॥

ये सुगम ज्ञान की सरिता है वेदों की वाणी से निकली,
आचार विभूषित कविता है ऋषियों की धाणी से निकली।
है देवनागरी लिपि इसकी शब्दों में भरी जवानी है,
पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है…॥

अक्षर-अक्षर मोती जैसे शब्दों में सिंधु निबंधा है,
रस अलंकार से शोभित है छंदों की नेक सुगंधा है।
सतयुग त्रेता द्वापर जैसी कलयुग में मधुर सुहानी है,
पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है…॥

संबोधन इसके सुंदर हैं पाठन इसका सम्मोहक है,
छंदों में भाव बदलते हैं वाचन इसका मनमोहक है।
गंगा-सी पावन धारा है लहरों में ओज रवानी है,
पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है…॥

अब शक्ति हमारी भाषा की दुनिया में तोली जाती है,
आकाश सरीखा शब्दकोष घर घर में बोली जाती है।
हिंदी पहचान हमारी है यह भाषा बहुत पुरानी है,
पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है…॥

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