कुल पृष्ठ दर्शन : 8

हिन्दी के लिए लड़ने वाले अधिवक्ता इन्द्रदेव प्रसाद निलम्बन मुक्त

मुम्बई (महाराष्ट्र)।

जनभाषा में न्याय का संघर्ष…

पटना उच्च न्यायालय में हिन्दी में न्याय के लिए निरंतर आंदोलनरत रहे अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद भारतीय विधि परिषद से निलम्बन मुक्त हो गए हैं। अब वे पुनः वकालत करने के हकदार हैं।
इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ, वैश्विक हिंदी सम्मेलन के निदेशक डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’, अखिल भारतीय भाषा संरक्षण संगठन के अध्यक्ष हरपाल सिंह राणा, हिंदी सेवा निधि इटावा के महासचिव प्रदीप कुमार, भारतीय भाषा अभियान बिहार प्रदेश के संयोजक परमानंद प्रसाद व वरिष्ठ अधिवक्ता योगेशचंद्र वर्मा सहित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने इन्हें बधाई दी है।
अधिवक्ता श्री प्रसाद ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि बी.सी.आई. परिवाद पत्र (संख्या १/२०२५) में पारित अनुशासन समिति का आदेश (२१.६.२०२५) से मेरी अधिवक्ता अनुज्ञप्ति (संख्या-३१५/ ९८ को २९.६.२०२५ तक निलंबित किया गया था, जिसको आगे की सुनवाई तारीख २९.६.२०२५ को आगे नहीं बढ़ाया गया। न ही उसके आगे की तारीख को उसे आगे बढ़ाया गया। इस प्रकार निलंबन आदेश स्वतः समाप्त हो गया। समिति ने अपने आदेश (८.८.२०२५) में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि पदमुक्ति आदेश की प्रतिलिपि उत्तरवादी को नहीं मिली थी, तब यह प्रकरण आगे नहीं बढ़ेगा। परिवाद में लाए गए सभी आरोप स्वत: निराधार हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि जबसे अधिवक्ता अनुज्ञप्ति प्राप्त की है, तभी से पटना उच्च न्यायालय के मुकदमों का संचालन हिन्दी में करते आ रहा हूँ और उसी समय से हिन्दी विरोधी नियम कानून का विरोध करते आ रहा हूँ, जिसका प्रतिशोध लेने के लिए मेरी अनुज्ञप्ति को निलंबित करवाने का षडयंत्र रचा गया और निलंबित करवाने में सफलता प्राप्त की गई। उन्होंने जनभाषा में न्याय के इस संघर्ष के साथियों का हृदय से धन्यवाद दिया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में वैश्विक हिंदी सम्मेलन एवं अन्य मंच द्वारा जनभाषा में न्याय के लिए राष्ट्रपति जी के १९६० के आदेश शीघ्र लागू करने तथा देश के सभी उच्च न्यायालयों में राज्य व संघ की भाषा में तथा सर्वोच्च न्यायालय में संघ की राजभाषा में भी न्याय के लिए जंतर-मंतर पर धरना देकर आवश्यक कदम उठाने की माँग की गई थी।

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुम्बई)