दीमापुर (नागालैंड)।
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अनिल सुलभ को ‘हिन्दी गौरव सम्मान’ के विशेष अलंकरण से विभूषित किया गया है। यह सम्मान उन्हें दीमापुर के पद्मपुखरी स्थित राष्ट्रभाषा हिन्दी संस्थान में आयोजित ‘नागालैंड साहित्य महोत्सव’ में महोत्सव के अध्यक्ष और अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के अध्यक्ष सुविख्यात कवि पं. सुरेश नीरव एवं संस्थान के निदेशक पी. ताकालीला ने दिया।
महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के प्रसिद्ध कवि सुभास चंद्र सैनी के काव्य-संग्रह ‘संभवामि युगे-युगे’, उप्र के कवि डॉ. धर्मेन्द्र सिंह धरम ‘मैनपुरिया’ के गीत-संग्रह ‘अद्भुत है संसार हमारा’ और पटना के सुविख्यात कवि प्रो. रत्नेश्वर सिंह के काव्य-संग्रह ‘कल्पना के पंख’ आदि का लोकार्पण मुख्य अतिथि डॉ. सुलभ ने किया। अपने संबोधन में डॉ. सुलभ ने आयोजकों के प्रति उनके सम्मान और साहित्य महोत्सव के आयोजन के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि सुदूर अहिन्दी भाषी इस प्रदेश में इस साहित्यिक अनुष्ठान का ऐतिहासिक महत्व है। हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति भावनात्मक लगाव को बल देने वाले इस भव्य महोत्सव से संपूर्ण भारतवर्ष को एक महान संदेश जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नागालैंड में हिन्दी के प्रति बढ़ता प्रेम यहाँ की सत्ता पर स्नेहिल दवाब बनाएगा और यहाँ भी सभी विद्यालयों-महाविद्यालयों में हिन्दी की प्राथमिक स्तर से उच्च-स्तर की शिक्षा प्रदान की जाएगी तथा प्रदेश के काम-काज भी हिन्दी तथा स्थानीय भाषाओं में होंगे।