कुल पृष्ठ दर्शन : 18

You are currently viewing हिन्दी देश का अरमान

हिन्दी देश का अरमान

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
******************************************

भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक ‘हिंदी’ (हिंदी दिवस विशेष)…

भारत भू भाषा भली, हिन्दी हिंद हमेश।
सुंदर लिपि से सज रहे, गाँव नगर परिवेश॥
गाँव नगर परिवेश, निजी हो या सरकारी।
हिन्दी हित हर कर्म, राग अपनी दरबारी॥
कहे ‘विज्ञ’ कविराय, विरोधी होंगें गारत।
कर हिन्दी का मान, श्रेष्ठ तब होगा भारत॥

हिन्दी सारे देश का, एकीकृत अरमान।
प्रादेशिक भाषा भले, प्रादेशिक पहचान॥
प्रादेशिक पहचान, सभ्यता संस्कृति वाहक।
उनका अपना मान, विवादी बकते नाहक॥
शर्मा बाबू लाल, सजे गहने मय बिन्दी।
प्रादेशिक हर भाष, देश की भाषा हिन्दी॥

वाणी देवोंं की कहें, संस्कृत संस्कृति शान।
तासु सुता हिन्दी अमित, भाषा हिंदुस्तान॥
भाषा हिंदुस्तान, वर्ण स्वर व्यंजन प्यारे।
छंद मात्रिका ज्ञान, राग रस लय भी न्यारे॥
गयेे शरण में लाल, मातु पद वीणा पाणी।
रचे अनेकों ग्रंथ, मुखर कवियों की वाणी॥

दोहा चौपाई रचे, छंद सवैया गीत।
सजल रुबाई भी हुए, अब हिन्दी मय मीत॥
अब हिन्दी मय मीत, प्रवासी जन मन धारे।
कविताई का भाव, भरें ये कवि जन सारे॥
हो जाता है लाल, तपे जब सोना लोहा।
तुलसी सूर कबीर, बिहारी रहिमन दोहा॥

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा है। आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) है। सिकन्दरा में ही आपका आशियाना है।राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन (राजकीय सेवा) का है। सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैं। लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैं। शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया है।आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः है।