अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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‘हिन्दी’,
मातृभाषा प्यारी
भारत की पहचान,
देश-विदेश
समरसता।
‘हिन्दी’,
जन भावना
लोकतंत्र का संदेश,
भाषा हिन्दुस्तान
आजादी।
‘हिन्दी’,
सबको जोड़ती
सबका हित करती,
राष्ट्र भक्ति
अस्मिता।
‘हिन्दी’,
वैज्ञानिक भाषा
सहज व्याकरण परिमार्य,
राजभाषा मधुर
स्वीकार्य।
‘हिन्दी’,
बोली विविध
संस्कृतियों का मेल,
भारत एकता
गुण।
‘हिन्दी’,
अति विशाल
अनुपमेय साहित्य खदान,
गद्य-पद्य
खजाना।
‘हिन्दी’,
संस्कृत सुता
अनूठे तत्सम शब्द,
देवनागरी अक्षर
उपहार।
‘हिन्दी’,
सबका दिल
साठ करोड़ पार,
बने राष्ट्रभाषा
जनमानस।
‘हिन्दी’,
राजकाज भाषा
शौर्य वीर स्वर,
जन-मन
स्वाभिमान।
‘हिन्दी’,
तुलसी, सूरदास
वाणी सगुण मिठास,
मीरा बाई
हृदय।
‘हिन्दी’,
अलंकार नवरस
रीति, प्रीति सद्नीति,
नृत्य गीत
संगीत।
‘हिन्दी’,
निर्गुण सगुण,
खुसरो, कबीर, रसखान,
प्रेमचंद, निराला
साहित्य।
‘हिन्दी’,
छायावाद, महादेवी
पंत, महावीर शान,
‘रेणु’ कविमान,
बच्चन।
‘हिन्दी’,
मजबूत देश
आज धन्य धरा,
सम्प्रभु गणतंत्र
विश्व।
‘हिन्दी’,
मान बढ़ाएं
सब मिल बोलें।
विश्व पताका,
लहराएँ॥