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है जहर बाल विवाह

पायल अग्रवाल
मुजफ्फरपुर (बिहार)
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है जहर बाल विवाह,कैसे हो अब निबाह,
भरते सब दर्द आह,सत्य कथन जानो।
सुन बेटी की पुकार,करती तुमसे गुहार,
गलती करना सुधार,बात सभी मानो॥

बढ़ता है भूमि ताप,क्यों करते आज पाप,
देख सुता प्रेम नाप, माँ की ये प्यारी।
सपने होते हजार,शिक्षा देना अपार,
सुन मन की तुम कहार, लगती है न्यारी॥

बनती जग की शिकार,करना अब तुम विचार,
जीवन को सब निखार, अब विवाह रोको।
सुन लो ये समाज,बदलो तुम रीत आज,
बनती ये माथ साज, मत इसको टोको॥

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