प्रो. लक्ष्मी यादव
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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रंग बरसे… (होली विशेष)…
होली आई, होली आई,
साथ में खुशियाँ है लाई
रंगों का त्यौहार है आया,
सभी के घर खुशियाँ है लाया।
रंगों के इस त्यौहार में,
भूल कर सब गिले-शिकवे
दुश्मन को भी,
गले लगाते चलो।
न जात-पात का हो भेद-भाव
सभी को रंग लगाते हैं,
चलो… ले पिचकारी, गुलाल रंग, चले है घर-घर हम…
वृंदावन मथुरा में मची हुई है धूम।
ले पिचकारी चली,
गोपियों की टोली
रंगों से रंगी सारी धरती,
चारों ओर फैली खुशहाली।
बुराई पर हुई है,
अच्छाई की जीत,
कर मन की बुराइयों का दहन,
करो नए विचारों का ग़मन।
भरो मन में रंगों-सा विचार,
रहे हमेशा खुशहाल जीवन।
होली आई, होली आई,
साथ में खुशियाँ है लाई॥