रचनाकारों की आत्मकथा सिखाती है जीवन जीने की कला-पुरोहित
भवानीमंडी(राजस्थान)l
साहित्य संगम संस्थान दिल्ली(पंजीकृत)में आत्मकथा साहित्य के संवर्धनार्थ परिचय सम्मेलन किया गया। सम्मेलन में पचास से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया और करीब उन्चालीस साहित्यकारों का गौरवशाली परिचय मंच पर प्रदर्शित किया गया। इस दौरान डॉ. मीना भट्ट(जबलपुर) के परिचय को साहित्यकारों के मध्य आदर्श परिचय
का खिताब मिलाl
इस मंच पर दिनभर गहमा-गहमी बनी रही। कुछ आत्मकथाएँ तो इतनी प्रेरक और आदर्श थीं कि जिन्हें पढ़कर तमाम लोग साहित्यसेवा के लिए सत्प्रेरित हो उठे। सम्मेलन में भावना दीक्षित एवं रिखबचंद राँका कल्पेश
का योगदान अविस्मरणीय रहा। शैलेन्द्र खरे सोम
,नवीन कुमार भट्ट नीर
, आशीष पाण्डेय जिद्दी
, भगवान पाटीदार जय
सहित श्रीमती सरिता श्रीवास्तव और कैलाश मंडलोई कदंब
आदि ने अपना परिचय आत्मकथा के रूप में सचित्र प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का संयोजन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राजेश शर्मा पुरोहित
ने कहा कि रचनाकार की आत्मकथा दूसरों के लिए प्रेणादायी होती है। हमें ऐसे आयोजनों से एक- दूसरे के व्यक्तित्व व कृतित्व का परिचय हो जाता है।