सुदामा दुबे
सीहोर(मध्यप्रदेश)
*******************************************
मौन से रहे कभी तो,
दिल की कभी कह गए।
हम भी अपने दर्द सारे,
हँसते-हँसते सह गए।
मुरझाये नेह सुमन,
जिंदगी की धूप में,
साजिशों की लहरों में,
रिश्ते सभी बह गए।
वक्त की चलीं ऐसी,
बेरहम-सी आँधियाँ,
सपनों के महल सारे,
देखते ही ढह गए।
गैरों की बातों का,
वो यकीन कर बैठे,
दिल की गहराई की,
वो न कभी तह गए॥
भीड़ थी हसीनों की,
दुनिया के मेले में,
मिलीं भी हजार मगर,
फिर भी तन्हा रह गए॥
परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैl आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है l सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं l श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंl