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भारत वर्ष है सबसे न्यारा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

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भारत वर्ष है सबसे न्यारा,
सबसे प्यारा देश हमारा।
कोई नहीं इस जैसा जग में,
सारी दुनिया से है प्यारा।
भारत वर्ष है…॥

पूरब से सूरज उगता है,
पश्चिम में जाकर ढलता है।
हिमालय पर्वत शीश है इसका,
चरणों में सागर रहता है।
सुबह शाम की छटा से न्यारा,
मेरे भारत का हर द्वारा।
भारत वर्ष है…॥

यहां देवता जब आते हैं,
बन्दीगृह खुद खुल जाते हैं।
उफनती नदी की धार भी झुक के,
उतर चरण में आ जाती है।
विश्व पटल में कहां दिखा है,
अदभुत ऐसा भला नजारा।
भारत वर्ष है…॥

सभी धर्मों के लोग यहां हैं,
नहीं धर्मनिरपेक्ष कोई देश बना है।
सदियों तक ये गुलाम रहा है,
फिर भी गणतन्त्र सबसे बड़ा है।
इसके वासी विभिन्न भाषी,
जिनकी लय में कोयल पपिहरा।
भारत वर्ष है…॥

परिचय-हीरा सिंह चाहिल का उपनाम ‘बिल्ले’ है। जन्म तारीख-१५ फरवरी १९५५ तथा जन्म स्थान-कोतमा जिला- शहडोल (वर्तमान-अनूपपुर म.प्र.)है। वर्तमान एवं स्थाई पता तिफरा,बिलासपुर (छत्तीसगढ़)है। हिन्दी,अँग्रेजी,पंजाबी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री चाहिल की शिक्षा-हायर सेकंडरी और विद्युत में डिप्लोमा है। आपका कार्यक्षेत्र- छत्तीसगढ़ और म.प्र. है। सामाजिक गतिविधि में व्यावहारिक मेल-जोल को प्रमुखता देने वाले बिल्ले की लेखन विधा-गीत,ग़ज़ल और लेख होने के साथ ही अभ्यासरत हैं। लिखने का उद्देश्य-रुचि है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-कवि नीरज हैं। प्रेरणापुंज-धर्मपत्नी श्रीमती शोभा चाहिल हैं। इनकी विशेषज्ञता-खेलकूद (फुटबॉल,वालीबाल,लान टेनिस)में है।