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गणतंत्र दिवस मनाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
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स्वतंत्र भारत का उत्तम संविधान,
गण औ तंत्र का सुंदर विवरण
छब्बीस जनवरी को दिया मान,
तंत्र है वो विधिवत संचालन
इसका अर्थ साथी सबको बताएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं।

गणतंत्र एक है अनोखी प्रणाली,
भारत का है सार्वजनिक मामला
नही होता यह कोई निजी संस्था,
ना होता ये कभी निजी संपति
गण हम भारत नागरिक हैं भाएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…।

हम हैं चुनते अपना प्रतिनिधि,
आम जनता से ही हैं वो आते
संविधान तहत हो चयन विधिवत,
देश चलाने के नियम संचालित
तंत्र प्रणाली से हैं देश चलाएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…।

भारत है लोकतांत्रिक गणराज्य,
संविधान के नियमों से संतुलित
अनेक गहन तर्क-विचारों से,
बनाए गए समझ नियम अनेक
जाति-धर्म लिंग भेदभाव हैं हटाएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…।

नागरिकों का है सम अधिकार,
देश की गरिमा रहे सदा भरपूर
ना भूलें हम वीर शहीदों की गाथा,
त्याग-तपस्या से मिली आजादी
मिलकर हम सब गुणगान गाएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…।

रक्षा करना प्रथम कर्तव्य हमारा,
हम सभी नागरिक नहीं अनभिज्ञ
करें जन में एकता स्नेह सिंचित,
हमारी धरा अनुपम है मनोहर
प्रगति शक्ति दृढ़ता शौर्य दिखाएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…।

है अनुपम पूँजी हमारी संस्कृति,
उद्देश्य रहे शांति प्रेम से उन्नति
भारतमाता के हर गण हो हर्षित,
ना हों हम कभी भी विचलित
बाधाओं से ना कभी घबराएं,
आओ हम गणतंत्र दिवस मनाएं…।

बच्चों को देश का गौरव बताएं,
माता-बहनों की रक्षा आवश्यक
भटके जो उन्हें सत राह दिखाएं,
तिरंगे की दिव्यता औ अखंडता
विश्व फलक पे सदा ही लहराएं,
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं…॥

परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है

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