अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष……….
सबसे अच्छी होती है बस ‘माँ’,
ईश्वर-सी सच्ची होती है माँ।
संपूर्ण सृष्टि का बोध है माँ,
हो ‘प्रथम गुरु’ भी अबोध है माँ।
संवेदना,भावना,अहसास है माँ,
खुशनसीबी है,गर पास है माँ।
ज्ञान है,जहान है,प्राण है माँ,
हर रिश्ते की पूरी जान है माँ।
मातृत्व,त्याग का दूजा नाम है माँ,
लघु होकर भी ब्रम्हांड है माँ।
दुलार-संस्कार-संस्कृति है माँ,
सारा जीवन तुझ पर वारुँ माँ॥
अभिनन्दन,प्रेम, प्रणाम माँ,
जननी,वसुंधरा,अवनि माँ॥