सोनी गिरी
आजमगढ़(उत्तरप्रदेश)
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एक छोटा-सा अपना घर जहां,
एक-दूजे में समर्पित हम दोनों एकसाथ में होते।
एक छोटी-सी बगिया में,
फूलों में रंग-बिरंगी तितलियां
कल-कल करती नदियां,
हम दोनों…।
काश दुनिया समझ ये पाती प्रेम,
कोई गेम नहीं प्रेम एक अदृश्य आत्मा
जहां हम दोनो मिल पाते,
हम दोनों…।
चलो चलें हम इस जालिम दुनिया से दूर,
जहां हम दोनों में पूर्णरूप से समर्पित
हम दोनों एक…।
एक छोटा-सा अपना घर जहां,
हम एक-दूजे में समर्पित…हम दोनों एक साथ में होते॥
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