रीना गोयल
यमुना नगर(हरियाणा)
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(रचना शिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ २१२)
बोझ सीने में दबाकर,सब अकेले सह गए।
कुछ कभी कहते किसी से,खुद सिसकते रह गए।
हाथ जीवन से छुड़ाया,मृत्यु को अपना लिया।
हैं सभी हैरान तुमने,ये अचानक क्या कियाll
आस का हर बंध तोड़ा,डोर जीवन तोड़कर।
जिंदगी सस्ती नहीं थी,जो गए हो छोड़कर।
मुश्किलें हैं अंग जीवन का,नहीं कोई सजा।
जो करे संघर्ष जीवन में वही पाये मजाll
हा! भविष्यत का सुनहरे रह गया क्या अर्थ अब।
बंद दरवाजे हुए अरु,हो गया है व्यर्थ सब।
इक कहानी बन गयी है,इक कहानी को मिटा।
छल चली है मृत्यु श्वांसें,है कहीं कोई लुटाll
घूंट पीकर खून के गल,फंद वह बुनता रहा।
मृत्यु से पर पूर्व सौ-सौ,बार वो मरता रहा।
जिंदगी बन रेत हाथों,से फिसलती है जहां।
आत्महत्या की यकीनन,ख्वाहिशें पलती वहांll
परिचय-रीना गोयल की जन्म तारीख १३ जनवरी १९७४ एवं जन्म स्थान-सहारनपुर है। वर्तमान में यमुना नगर (हरियाणा)में निवासरत रीना गोयल का स्थाई बसेरा जिला यमुना नगर ही है। हरियाणा राज्य की रीना गोयल ने स्नातक की शिक्षा पाई है। इनका कार्यक्षेत्र-गृहिणी का है। लेखन विधा-छन्द गीत और कविता है। कुछ सांझा संग्रह और विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में भी इनकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। रीना गोयल को प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में काव्य शलाका प्रमुख है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-कलम से समाज में जागरूकता का प्रयास करना है।