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मेरे नहीं तुम

डॉ.हेमलता तिवारी
भोपाल(मध्य प्रदेश)
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काव्य संग्रह हम और तुम से….

तुमने मेरे अचेतन मन में,
कब,कैसे भर दिए मोगरे के फूल!
मैं रात रानी की तरहा,
बगीचे में खिली।

हर रात महक जाती हूँ,
इन फूलों के अवशेष तक नहीं
मगर खुशबू से सराबोर,
मैं और मेरा मन
कब-कब नहीं थिरक उठता,,
यह तुम नहीं देखते।

मगर मैंने हर रोज तुम्हारे,
अजीवित स्पर्श को महसूसा है
नहीं यह भ्रम नहीं,
तुम्हारी ऊंगलियाँ क्या नहीं
उलझती मेरे बालों में।

मेरे बिस्तर की चादर की,
सिलवटों को ठीक करती
तुम्हारी ऊंगलियाँ,
फिर क्यों मुझे छू-छू जाती हैं।

तुम हकीकत नहीं रहे,
यह मैं जानती हूँ
मगर तुम्हारी ऊंगलियों के,
स्पर्श की दस्तकें
यह आज भी हकीकत है।

एक ओढ़ा हुआ वज़ूद हो तुम,
मेरे हो पर मेरे नहीं तुम…
मेरे नहीं हो तुम॥

परिचय-डॉ.हेमलता तिवारी का जन्म १४ नवम्बर १९६५ को सागर में हुआ हैL वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में निवास है,जबकि स्थायी पता भोपाल(मध्य प्रदेश) हैL बी.एस-सी,(जीवविज्ञान)बी.ए.(संगीत), एम.ए (संगीत, इतिहास, दर्शन,लोक प्रशासन,एजूकेशनल सायकोलॉजी, क्लीनिकल साय.,आर्गेनाइजेशनल साय.)एल.एल.बी.,पी.जी.डी.(लेबर लॉ एंड इण्डस्ट्रियल रिलेशन)सहित पी.एच-डी.(इन क्लीनिकल साय.), एम.बी.ए.(वित्त और मानव संसाधन) की शिक्षा प्राप्त डॉ.तिवारी का कार्य क्षेत्र-नौकरी हैL सामाजिक गतिविधि के तहत आप व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक,परामर्शी सहित ज्योतिष लेखन में सक्रिय हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी एवं आलेख हैL हिन्दी सहित अंग्रेजी का भाषा ज्ञान रखती हैं।

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