समझ ही लेती हो अनकही बातें
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** माँतुम्हारे लिए,मेरे पास शब्दों से परे थी भाषाआज भी वैसी ही है भाषा,इतनी बातों के दरम्यानतुम समझ ही लेती हो,मेरी अनकही बातें। आज भी मैं ठिठक कर…
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** माँतुम्हारे लिए,मेरे पास शब्दों से परे थी भाषाआज भी वैसी ही है भाषा,इतनी बातों के दरम्यानतुम समझ ही लेती हो,मेरी अनकही बातें। आज भी मैं ठिठक कर…
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… हर बार की तरह आ गया फ़िर ८ मार्च,प्रोफाइल,बॉयोडेटा तैयार होने लगेमुझे भी आमंत्रण के संदेशे आने लगे,अलमीरा पर नज़र खुद-ब-खुद चली गईएक…
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)******************************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से.... तुमने मेरे अचेतन मन में,कब,कैसे भर दिए मोगरे के फूल!मैं रात रानी की तरहा,बगीचे में खिली। हर रात महक जाती हूँ,इन…
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)******************************************************* तन्हाईयों से प्यार हो गया,तन्हाईयों से प्यार हो गयाकुछ यूँ हुई जिन्दगी,जीना दुश्वार हो गयाlहर शाम उनकी याद साथ रहती,हर सुबह उनकी बात याद रहतीकभी चाय में…
डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** एक- एक जमाना था एक दीवाना था, राह में कहीं से दिख जाए किसी सूरत में वो मिल जायेl आँखों से उसे चूम लूँ दिल…
डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** अनु तेजी से सोचती जा रही थी। माथे पर पड़ी शिकन साफ बता रही थी कि समस्या बहुत उलझी हुई है। अचानक खीज उठी..ये बस…
भोपाल(मध्यप्रदेश)l रचनाकार डाॅ. हेमलता तिवारी को विश्व मैत्री मंच की छत्तीसगढ़ इकाई (रायपुर) द्वारा सम्मानित किया गया हैl आपको राष्ट्रीय लघुकथा सम्मेलन में १६ फरवरी २०२० को अपनी लघुकथा प्रस्तुत…
डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** अविजित मैं पर्वतों-सी, चढ़ी नदी उफनती बाँध जो गया मुझे, वो तार था एक प्यार काl सपन खिले-खिले लगे, उमंग मचल-मचल उठी तुम्हारी हर नयी…
डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** तुम नहीं मैं.... तुम नहीं,मैं इस कालजयी कृति सोफे पर बैठी हूँ, कुछ इस तरह जैसे- खुले ढक्कन के बॉक्स में बैठी बाहर झाँक रही…
डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... `दिशा` ने पूछा-आप बताएं - आपके घर कोई जबरदस्ती घुस आए, आपको कैसा लगेगा ? आप बताएं...l बिना मर्जी के आपके शयन…