निशा निइ्क ‘ख्याति’
दिल्ली
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काव्य संग्रह हम और तुम से….

सुनो,खुद को तुम खो दो मेरे हो के,
मैं सब-कुछ भूल जाऊँ तुम्हें याद करके।
बाँहों में तुम्हारी जब आऊँ तो बात कोई और ना हो,
तुम मेरी निगाहों में जब आओ तो दृश्य कोई और ना हो।
आँसू जो मेरे छलके तो पोंछने वाले हाथ तुम्हारे हो,
कभी जो आँखें तुम्हारी नम हो तो तुम्हें समझने वाली निगाहें मेरी हो।
कभी ज़िन्दगी मैं हारुँ तो मुझे राह दिखलाना,
राह में जब तुम थक जाओ,मुझे अपना ठहराव बनाना।
तुम्हारे दिल के मक़ान की मालकिन सदा मैं रहूँ,
मेरे दिल को हमेशा तुम अपना घर कहना॥
परिचय–साहित्यिक उपनाम ‘ख्याति’ रखने वाली निशा निइ्क की जन्म तारीख २० अगस्त १९९६ और जन्म स्थान-बारा-गुरूआ(गया जिला)है॥ बिहार राज्य की निवासी सुश्री निशा फिलहाल दिल्ली में बसी हुई हैं। भाषा ज्ञान-हिन्दी,अंग्रेजी एवं मग्घी का है। आप ब्लॉग सहित सामाजिक मीडिया में लेखन में सक्रिय हैं। लेखन विधा-स्वच्छंद है।