संजय जैन
मुम्बई(महाराष्ट्र)
********************************************
हमारा है प्यारा बहुत देश,
जिसमें रहते हर धर्म के लोग
ये हमारा हिंदुस्तान है…
जिसमें बसते सबके प्राण,
तभी तो करते सब प्यार।
ये हमारा हिंदुस्तान है…॥
जहाँ अनेकता में एकता,
नजर आती है सदा
मनाएं मिलकर हर त्यौहार,
चाहे हो वो होली दीपाली
ईद या हो क्रिसमस,
तभी पूरा विश्व आज
मानता है भारत को।
ये हमारा हिंदुस्तान है…॥
मुसीबत जब भी इस पर आई,
किया मुकाबला सबने मिलकर
चटा दी धूल दुश्मनों को,
हमारी एकजुटता ने ही
नहीं होने दिया उन्हें कामयाब,
हरा दिया उन सबको।
ये हमारा हिंदुस्तान है…॥
नहीं बांटो इस देश को,
धर्म-जाति के आधार पर
जहाँ पर जन्म लिया हो,
८४ हजार देवी-देवताओं ने
और दिखाई अपनी-अपनी,
लीलाएं यहाँ पर
तभी तो पवित्र देश इसे,
कहते हैं विश्व के सारे लोग।
ये हमारा हिंदुस्तान है…॥
परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।