लोकार्पण…..
इंदौर (मप्र)।
राम तुम्हारा चरित्र स्वयं ही काव्य है कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है। मैथिलीशरण जी गुप्त की इस भावना को सार्थक करने का प्रयास डॉ. पुष्पारानी गर्ग ने किया है।
यह बात उनकी कृति ‘पुष्प गीत रामायण’ के ऑनलाइन लोकार्पण अवसर पर अतिथियों ने कही। बैंगलोर से लेखिका एवं लोकार्पण कार्यक्रम की विशेष अतिथि डॉ. इन्दु झुनझुनवाला ने कहा कि रामकथा भारत ही नहीं,संपूर्ण विश्व की अनमोल धरोहर है। उन्होंने कहा कि यह संग्रह पुष्पारानी गर्ग की राम के प्रति अपार भक्ति की अंतर्यात्रा को दर्शाती है।
अध्यक्षता करते हुए कवि सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि रामजी ने अपने जीवन में जिन आदर्शों को मर्यादा के साथ स्थापित किया,उसी मर्यादा का संपूर्ण रूप से परिपालन करते हुए डॉ. पुष्पारानी गर्ग ने इस कृति में रामचरितमानस के भावनात्मक क्षणों को, अवसरों को श्रद्धा,विश्वास और अपनी आराधना के साथ अभिव्यक्त किया है।
मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि पुष्पारानी गर्ग ने राम कथा के अपने पसंदीदा चरित्र के आकर्षक बिंदुओं को गीतों में चित्रित किया है। गीतों में माधुर्य है। आरतियाँ दिव्यता लिए तो पालना गीत श्रेष्ठ है।
इस मौके पर डॉ. गर्ग ने कहा कि रामजी की प्रेरणा से इन गीतों का संकलन किया है। इस कृति का संपादन मुकेश इन्दौरी ने किया है।
इस अवसर पर श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के साहित्य मंत्री हरेराम वाजपेयी,प्रचार मंत्री अरविंद ओझा,अमेरिका से कीर्ति माहेश्वरी,रचना गर्ग,डॉ. सुधा गोयल,चित्रा गर्ग,पूनम गर्ग,आलोक याग्रिक सहित नीति अग्रिहोत्रि,डॉ. अंजुल कंसल, आशा जाकड़ आदि कई साहित्यकार ऑनलाइन उपस्थित थे। आभार अजय गर्ग ने माना।