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पृथ्वी पर नया जीवन लाएँ

डाॅ. पूनम अरोरा
ऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)
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आसमान सुलग रहा,
सूरज आग बरसा रहा
धरती का तापमान,
निरन्तर बढ़ रहा
पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन,
व ग्लोबल वार्मिंग के
दुष्प्रभाव से-
पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा,
प्राकृतिक परिवेश बिगड़ रहा
भूगर्भीय जल भी,
प्रदूषित हो रहा
पर्यावरण के प्राण,
धरती की शान,वनों का
तेजी से ह्रास हो रहा।

आओ हम सब मिलकर,
ऐसा कुछ प्रयास करें
रोक सकें तो,प्रकृति से होती
छेड़छाड़ को रोक दें-
वनों का विस्तार कर,
जलवायु को सन्तुलित करें
प्रतिवर्ष प्रत्येक जन,
एक-एक वृक्ष अवश्य लगाएं
समाप्त होते पृथ्वी के,
अस्तित्व को बचाएं।
वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण कर,
पृथ्वी पर नया जीवन लाएँ॥

परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई हैं। इनका जन्म २२ अगस्त १९६७ को रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) में हुआ है। शिक्षा- एम.ए.,एम.एड. एवं पीएच-डी.है। आप कार्यक्षेत्र में शिक्षिका हैं। इनकी लेखन विधा गद्य-पद्य(मुक्तक,संस्मरण,कहानी आदि)है। अभी तक शोध कार्य का प्रकाशन हुआ है। डॉ. अरोरा की दृष्टि में पसंदीदा हिन्दी लेखक-खुशवंत सिंह,अमृता प्रीतम एवं हरिवंश राय बच्चन हैं। पिता को ही प्रेरणापुंज मानने वाली डॉ. पूनम की विशेषज्ञता-शिक्षण व प्रशिक्षण में है। इनका जीवन लक्ष्य-षड दर्शन पर किए शोध कार्य में से वैशेषिक दर्शन,न्याय दर्शन आदि की पुस्तक प्रकाशित करवाकर पुस्तकालयों में रखवाना है,ताकि वो भावी शोधपरक विद्यार्थियों के शोध कार्य में मार्गदर्शक बन सकें। कहानी,संस्मरण आदि रचनाओं से साहित्यिक समृद्धि कर समाजसेवा करना भी है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा होने के साथ ही अभिव्यक्ति की सरल एवं सहज भाषा है,क्योंकि हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। हिंदी एवं मातृ भाषा में भावों की अभिव्यक्ति में जो रस आता है, उसकी अनुभूति का अहसास बेहद सुखद होता है।

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