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एक धागे में वचनबद्धता का संसार

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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रक्षाबंधन विशेष………

नहीं खंडित हो कभी,ये भाई-बहन का प्यार,
विस्तार तो है अनंत इसका,महिमा भी अपरम्पार।
स्नेह-प्रेम का बंधन यह नहीं,केवल एक रक्षासूत्र-
बस एक धागे में पिरो दिया,वचनबद्धता का संसार॥

भाई-बहन के प्रेम स्नेह,का प्रतीक है रक्षाबंधन,
एक सूत्र की ताकत का,ये यकीन है रक्षाबंधन।
सदियों से यही इक विश्वास,चलता चला आया है-
इसी अटूट बंधन की ही इक,लकीर है रक्षाबंधन॥

एक धागा है राखी पर प्यार,अपरम्पार है,
एक सूत्र में भरा हुआ वचनों,का संसार है।
प्रेम-स्नेह-लगाव का पर्व है,यह रक्षाबंधन-
भाई करता बहन की सुरक्षा,बार-बार है॥