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राष्ट्रीय संगोष्ठी कराई

प्रयागराज (उप्र)।

भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के नियंत्रणाधीन हिंदुस्तानी एकेडमी उ.प्र., प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट (फिरोजाबाद) तथा हिंदी शोधार्थी संघ के संयुक्त तत्वावधान में वृंदावन शोध संस्थान, वृंदावन में ‘हिंदी की विविध बोलियों में कृष्ण-काव्य’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। शुभारंभ मुख्य अतिथि चौधरी लक्ष्मी नारायण (कैबिनेट मंत्री, उप्र) तथा प्रथम-सत्र की अध्यक्षता कर रहीं पद्मश्री सुप्रसिद्ध कथाकार प्रो. उषा यादव ने बाॅंके बिहारी तथा वाग्देवी सरस्वती के चित्र के समक्ष माल्यार्पण व पुष्पार्चन के साथ किया।
यह आयोजन संस्थान के वैभवयुक्त मंच पर छ: सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र (उद्घाटन-सत्र) में युवा गीतकार प्रवीन पाण्डेय ने ट्रस्ट की स्थाई सरस्वती वंदना (डॉ. रामसनेही लाल शर्मा ‘यायावर’, कृष्ण कुमार ‘कनक’ तथा प्रवीन पाण्डेय रचित) प्रस्तुत करते हुए माॅं शारदे की शब्द स्तुति की। तत्पश्चात सभी पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया।
वक्तव्य की शृंखला के शुभारंभ पर संघ की अध्यक्ष कु. चंचल ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया। ट्रस्ट के मुख्य निदेशक ‘यायावर’ ने विषय को प्रस्तुत करते हुए कहा कि कृष्ण स्वयं में पूर्ण पुरुष हैं। उनकी यह पूर्णता हिंदी की सभी बोलियों में किसी न किसी रूप में अनिवार्य रूप से उपस्थित है।
अन्य अतिथियों में ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष रहे अभिषेक मित्तल ‘क्रांति’, एकेडमी के सचिव देवेन्द्र कुमार सिंह एवं चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भी बात रखी। संचालन ट्रस्ट के प्रबंधक-सचिव कृष्ण कुमार ने किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा गीतकार यशपाल ‘यश’ ने आभार माना।