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‘आजाद भारत की उड़ान’ में प्रथम विजेता बनी विजयलक्ष्मी विभा

इंदौर (मप्र)।

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं की श्रंखला में ‘आजाद भारत की उड़ान’ विषय पर ७१वीं स्पर्धा आयोजित की गई। इसमें उत्कृष्ट रचना लिखकर प्रथम विजेता बनने में विजयलक्ष्मी विभा सफल रहीं हैं। दूसरा विजेता बनने का अवसर डॉ. कुमारी कुंदन ने पाया है।
यह परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने बताया कि, विषय पर प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य में पहले क्रम पर ‘आजादी का
परचम’ रचना के लिए विजयलक्ष्मी विभा (प्रयागराज, उप्र) को विजेता घोषित किया है तो ‘देख रहा है जग सारा उड़ान’ पर डॉ. कुमारी कुंदन (पटना, बिहार) ने दूसरा स्थान पाया है।
मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने
सभी विजेता व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान व १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५२ करोड़ दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और ८ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में गद्य वर्ग में उपर्युक्त प्रविष्टी नहीं होने से कोई विजेता नहीं है। आपने बताया कि, पद्य वर्ग में तीसरा स्थान ‘ध्वज का गुणगान करें’ हेतु बोधन राम निषाद राज ‘विनायक’ (कबीरधाम, छग) को मिला है।